Tuesday, September 2, 2008

शब्द सन्दर्भ

शब्द
सांत्वना और संवेदना की
रसधार से संपृक्त
स्नेह और पीड़ा के
आदिगीत,
मास्टर जी की बेंत
और अम्मा की लोरी से
अभिमंत्रित,
सीपियों और कंचों से निर्मल
जगमग शब्द।
प्रेमपत्रों से आती
मेहंदी की सुगंध
मन-आँगन में खिले गुलमुहर।
नानी की कहानियों की
राजकुमारी जैसे
सुंदर थे शब्द।

फ़िर मैंने शब्दों में
घोल दिए
शास्त्र और दर्शन
ज्ञान और विज्ञान
सांख्य और योग के तर्क
गुरुत्व और सापेक्षता के सिद्धांत
राजनीति और अर्थनीति
विचार चेतना की समिधा से
गढ़ लिए हथियार।
आवाजों के रौरव से
टपकता तेजाब
शापित अखबारों के
अंतहीन पन्नों पर बिखरे
मृत्यु और ध्वंश के संदेशवाहक
ईसा की सलीब में ठुकी हुई
कीलों से निर्मम ,
नानी की कहानियों के राक्षस सदृश
भयानक हो गए हैं
शब्द।

1 comment:

कामोद Kaamod said...

फ़िर मैंने शब्दों में
घोल दिए
शास्त्र और दर्शन
ज्ञान और विज्ञान
सांख्य और योग के तर्क
गुरुत्व और सापेक्षता के सिद्धांत

शब्दों को अच्छा पिरोया
पर शब्द बाधा से क्यूँ बाधा